— चोर चोर मौसेरे रहेंगे ही —
0– कटाक्ष –0
जैसा वो कहेगा,
वैसा ही तो वो करेगा
जैसा वो कहेगा
वैसे ही वो सोचेगा
यूं ही नही
कह देते हैं
चोर चोर मौसेरे भाई
काम करेंगे साथ
चोरी करेंगे
एक अदा से ही
किस का बजाना
हो बैण्ड,
वो भी तो एक सा ही करेंगे
मिलकर लूट लेंगे
चाहे समाज हो या देश
जेब अपनी भरेंगे
बेशक हो कई गरीब या कंगाल
अपने से मतलब
दुसरे से क्या लेना
उठाऊ गठरी चलो परदेश
बिगड़ेगा जिसका
वो भुगतेगा हर परिवेश
अपनी तो आदत है
लूट कर रहेंगे
कोइ मरे या जिए
सुधारेंगे अपना
आने वाला कल
और अपने परिवार का
हर मंगल दोष ,
यह सत्यता है
देख लो चारो ओर
जिस को मिलता है मौका
छोड़ता कहाँ है
ले जाता है लूट कर
और बन जाता है , फिर
धन्ना सेठ !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ