चॉकलेट
प्रेम की खट्टी मीठी यादों का, मिला-जुला स्वाद होती है चॉकलेट।
कौन सच्चा?, कौन झूठा?, प्रेम का यही विवाद होती है चॉकलेट।
नई ज़िंदगी का प्रारंभ, प्रेम संबंधों का शंखनाद होती है चॉकलेट।
हृदय के सभी मनोभावों का, एक सतत संवाद होती है चॉकलेट।
प्यार के सुनहरे नगर में, स्फूर्ति से भरा प्रभात होती है चॉकलेट।
जो प्रेमियों के मन में उमड़े, ख़्यालों का प्रपात होती है चॉकलेट।
कभी प्रत्यक्ष हो जाती है, कभी नींदों की बात होती है चॉकलेट।
प्रेम सम्बन्ध के हर पड़ाव पर, प्रेमियों के साथ होती है चॉकलेट।
फैसलों से भरी ज़िंदगी के लिए, नई शुरूआत होती है चॉकलेट।
जिसे केवल मर्म ही समझाएगा, ऐसा जज़्बात होती है चॉकलेट।
प्रेमियों की आस्था, रास्ता व ईश्वरीय कायनात होती है चॉकलेट।
जिसे हम सब गौर से देखते हैं, वैसी करामात होती है चॉकलेट।
जो प्रेम को हरियाली बाँचे, वो उपजाऊ खाद होती है चॉकलेट।
प्रेम मंदिर की पूजा व प्रतिष्ठा, प्रेम का प्रसाद होती है चॉकलेट।
जो रिश्ते तो आयाम देती रहे, वो परस्पर दाद होती है चॉकलेट।
जो राजघरों पर राज करे, वो अमूल्य प्रासाद होती है चॉकलेट।
उनकी वाणी से प्रसून झरते, जिनके भी हाथ होती है चॉकलेट।
इश्क़ करना जंग छिड़ना है, पूरी शह या मात होती है चॉकलेट।
सुबह व दिन का सुकूं बने, शांति से भरी रात होती है चॉकलेट।
हर चालाक चाल को बतलाती, बिछी बिसात होती है चॉकलेट।
प्रेमियों के हृदय की पीड़ा, अश्कों की बरसात होती है चॉकलेट।
जो इस समाज को चेतावनी दे, ऐसा वज्रपात होती है चॉकलेट।
कड़वी निकले बेस्वाद, मीठी हो तो प्राणाघात होती है चॉकलेट।
जो प्रेम डगर में हर बार मिले, वो विश्वासघात होती है चॉकलेट।