चॉकलेट
चॉकलेट
कितनी जद्दोजेहत थी
चॉकलेट बचपन की।
डिब्बे में भरे कलरफुल
दुकानदार थोड़ा सनकी।
गुमसुम नज़रे नीची
सिक्के की आवाज गूँजी।
उदरी, आँखें लाल, लाला पूँछे
क्या लोगे? मिक्चर, फल्ली, भूँजी।
तोतली पर मीठी जुबान
नाखून से खुरेदते टेबल।
फटा शर्ट-पेंट कुछ हिस्सों के
बिखरे बाल टूटी सैंडल।
मेरठ के गन्ने की शरबत
बटर की वेलवेट है।
या आमरस की पुतकी
असम की चेस्टनट है।
लेकर चॉकलेट दुकान से
चौपाल बैठे पैर हिलाये।
थोड़ी देर खेल- कूद बस
घर से फिर पैसे ले आये ।
🔥सुरेश अजगल्ले”इन्द्र”🔥
खरौद