“चैन से इस दौर में बस वो जिए।
“चैन से इस दौर में बस वो जिए।
इश्क़ को खिलवाड़ जो समझा किए।।।
कौन समझे कौन ये साबित करे?
अश्क़ आंखों के थे जो लब ने पिए।।”
◆प्रणय प्रभात◆
“चैन से इस दौर में बस वो जिए।
इश्क़ को खिलवाड़ जो समझा किए।।।
कौन समझे कौन ये साबित करे?
अश्क़ आंखों के थे जो लब ने पिए।।”
◆प्रणय प्रभात◆