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9 Apr 2023 · 1 min read

चैतन्य

अवधारणा अवनति की और यारो ही प्रथम सौपान है
मानवीय कुकर्म का देख लेना यही साक्षात प्रमाण है
जो सजग है कृत्य से स्व कर्म से वे रह्ते अमिट
नीति सुनीति धम्म्म प्र-नीति उनके लिए वरदान है
जागते तो हैं सभी अपनी नींद से युं एक दिन
जो सदा ही होंगे सतर्क उनका ही होता कर्म महान है
देख लो क्या मिलेगा मिट कर तुम्हें रास्ते में धर्म के
न्याय हेतु जीव का जीवन महज़ बूँद समान है
कर दिया कर से कृत्य जो था कर दिया होगा किसी ने
कुछ पुराने कर्म संचित भाग्य लेकिन वही परिणाम है
तीर पर चल कर जो चलायेंगे इस जगत संसार को
नींद अपनी त्याग कर वो सजायेंगे घर वार को
फूंक देंगे प्राण पल सब में विश्व के कल्याण को
वो प्रणेता असल में अग्रणी बन कीर्ति फैलायेंगे
अवधारणा अवनति की और यारो ही प्रथम सौपान है
मानवीय कुकर्म का देख लेना यही साक्षात प्रमाण है
जो सजग है कृत्य से स्व कर्म से वे रह्ते अमिट
नीति सुनीति धम्म्म प्र-नीति उनके लिए वरदान है

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