***चेहरा***
रोज नया एक सूरज निकले,
रोज नया एक चेहरा हैl
जिससे कल पहचान हुई थी,
आज कहां वह चेहरा है ll
हर पल दुनिया बदल रही,
बहती दरिया के कूलों सी l
अपना उसको कह दे कैसे,
अपना सा कहां वह चेहरा है ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l