चेहरा
चेहरा
चेहरा पर चेहरे
लगा रखे हैं लोग।
नियत या बदनियत से
चेहरा को चेहरे से
सजा रखे हैं लोग।
देव या दानव भी
चेहरा पर चेहरे
लगा रखे थे लोग।
चेहरा पर चेहरे
लगाने पर भी चेहरा
बदलते नहीं है लोग।
चेहरा क्या देखते हो ?
दिल में उतर कर
रामा देखो न लोग।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।