चेहरा
हर चेहरे की एक ,
निशानी होती है ।
हर चेहरे की एक ,
कहानी होती है ।
फर्क सिर्फ इतना होता है,
किसी चेहरे की जिंदगानी होती है।
तो किसी चेहरे की,
मौत दीवानी होती है।
हर कोई इस चेहरे से,
अपनी पहचान बनाता है ।
लेकिन न जाने क्यों ,
एक दिन यह चेहरा ,
फीका पड़ जाता है ।
आज का इंसान क्यों ,
सुंदर सूरत पर मरता है।
न जाने क्यों वह किसी ,
के दिल को क्यों नहीं समझता है ।
आजकल क्यों रिवाज है ,
हर आईने की तरह है,
सूरत देखने का।
क्यों ने आज तक कोई,
इंसान बना पाया ,
आईना सीरत देखने का ।
क्यों आजकल हर कोई,
सुंदर सूरत का ही,
दीवाना होता है।
क्यों रह जाता है वह,
चेहरा पीछे जिसके ,
पास सीरत का खजाना होता है।