चेहरा और वक्त
चेहरा–
चेहरे पे लिखकर ग़ज़ल ,खूबसूरत
चेहरे को चार चांद लगा देंगे जनाब।।
प्यार की दुनियां में जमाने को
एक नई तारीख रूबरू करा देँगे आप।।
खुदा को भी फक्र बन्दे की इश्क
इबादत पर ,नशा जुनून नही दिल से
निकली मुहब्बत का कलमा इश्क
का गीता कुरान पीताम्बर की खुदाई
इबादत का दुनियां में ईमान।।
वक्त–
वक्त आते जाते रहते
अपनी पहचान बताते रहते
प्रफुल्ल जैसे इंसान के ईमान
के जज्बे के गजल गुनगुनाते रहते।।
फिर आगे बढ़ इंतज़ार में
कोई प्रफुल्ल आये उनको
रौशनी दिखाए जमाना जिसे
अपने दामन में समेटे उसके दिल
की आवाज़ के नगमे गुनगुनाते।।