चूड़ियां
साजन की चाह में सजती सँवर जाती है ये चूड़ियां
साजन की बाहों में फिर खनखनाती है ये चूड़ियां
फिर क्यों रूठ जाने पर बिखर जाती है ये चूड़ियां।।
साजन की चाह में सजती सँवर जाती है ये चूड़ियां
साजन की बाहों में फिर खनखनाती है ये चूड़ियां
फिर क्यों रूठ जाने पर बिखर जाती है ये चूड़ियां।।