चूहे जी पहाड़ पर आए (बाल कविता)
चूहे जी पहाड़ पर आए (बाल कविता)
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जाड़ों में हाथी सँग
चूहे जी पहाड़ पर आए
सुन्दर मौसम देखा
तो फिर देख-देख मुस्काए
तभी शुरू हो गया जोर से
वहाँ बर्फ का गिरना
पाया खुद को चूहे जी ने
ढेर बर्फ में घिरना
छुई बर्फ जब हाथों से
तो पुलकित होकर बोले
धन्यवाद प्रभु बर्फ गिराई
ज्यों रुई के गोले
अच्छा हुआ बर्फ की सिल्ली
सीधे नहीं गिराते
अगर न होती पिसी बर्फ
तो हम तो मर ही जाते
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451