Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2022 · 1 min read

चूहे जी पहाड़ पर आए (बाल कविता)

चूहे जी पहाड़ पर आए (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
जाड़ों में हाथी सँग
चूहे जी पहाड़ पर आए
सुन्दर मौसम देखा
तो फिर देख-देख मुस्काए

तभी शुरू हो गया जोर से
वहाँ बर्फ का गिरना
पाया खुद को चूहे जी ने
ढेर बर्फ में घिरना

छुई बर्फ जब हाथों से
तो पुलकित होकर बोले
धन्यवाद प्रभु बर्फ गिराई
ज्यों रुई के गोले

अच्छा हुआ बर्फ की सिल्ली
सीधे नहीं गिराते
अगर न होती पिसी बर्फ
तो हम तो मर ही जाते
———————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

214 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

दीप जलाया है अंतस का,
दीप जलाया है अंतस का,
Priya Maithil
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Staring blankly at the empty chair,
Staring blankly at the empty chair,
Chaahat
विधा-कविता
विधा-कविता
Vibha Jain
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
Phool gufran
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
Sangeeta Beniwal
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्षण भर पीर को सोने दो .....
क्षण भर पीर को सोने दो .....
sushil sarna
" इत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
दोहा
दोहा
Krishna Kumar ANANT
*किताब*
*किताब*
Shashank Mishra
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां के रूप
मां के रूप
Ghanshyam Poddar
मान न मान मैं तेरा मेहमान
मान न मान मैं तेरा मेहमान
Sudhir srivastava
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय माता दी ।
जय माता दी ।
Anil Mishra Prahari
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
यादें जो याद रह जाती है
यादें जो याद रह जाती है
Dr fauzia Naseem shad
महिला शक्ति
महिला शक्ति
कार्तिक नितिन शर्मा
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
Priya princess panwar
ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
Neelofar Khan
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
खिंची लकीर
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...