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17 Mar 2021 · 2 min read

चुनौती किसको देते हो ?

मेरी ये कविता सारी महिलाओं के लिए है हम सबने निम्नलिखित में से कोई न कोई चुनौती ( ताने ) कभी न कभी तो सुनी ही होगी ‘ जी हाँ हमें चुनौतियां तानों के रूप में सुनाई जाती हैं ‘ ( ज़रूरी नही सब सुनाते हों…अभी भी इंसानियत बची है ) हम सब इन तानों को चुनौती समझ सुनते भी हैं… अगर एक ने भी इनमें से एक भी चुनौती नही सुनी तो उनके लिए एक ही शब्द है ‘ भाग्यशाली ‘….इन सारी चुनौतियों के जवाब में प्रस्तुत है मेरी ये कविता…..

‘ चुनौती किसको देते हो ? ‘

चुनौती किसको देते हो
की जाकर रसोई संभालो ?
उसको जो नौ महीने जतन से
तुमको प्यार से गर्भ में संभाली है ,

चुनौती किसको देते हो
की तुमसे ना हो पायेगा ?
उसको जो मृत्यु से लड़ कर
तुमको इस दुनिया में लाई है ,

चुनौती किसको देते हो
की अपनी औकात मत भूलो ?
उसको जो अपना सब छोड़ कर
तुमको खुश रखने में सब भूल जाती है ,

चुनौती किसको देते हो
की अपने घर से यही सीख कर आई हो ?
उसको जो पहला ककहरा
तुमको जीवन का सीखाती है ,

चुनौती किसको देते हो
की अपनी हद में रहो ?
उसको जो उड़ना जान कर भी
तुमको अपने पंख दे देती है ,

चुनौती किसको देते हो
की ज्यादा सपने मत देखो ?
उसको जो तुम्हारे सपने सच हों
इसके लिए निराजल रहती है ,

चुनौती दे देकर तुमने
उसको मजबूर कर दिया
उसके मौन ने कुछ ज्यादा
तुमको मग़रूर कर दिया ,

सुनो ! चुनौती उसको देते हैं
जब सामने वाला बराबर का होता है ,
अगर बराबरी में मुकाबला हो तो
परिणाम उन्नीस – बीस होता है ,

चुनौती उसको कैसे दे सकते हो ?

जो सहनशीलता की पराकाष्ठा हो
जो खुद अपने आप में आस्था हो ,
जो ममत्व – ममता की मूरत हो
जो धरती पर देवी की सूरत हो ,

जो देवों का देवालय हो
जो ऊँचाई में हिमालय हो ,
जो अनंत शक्ती हो
जो शिव की भक्ति हो ,

जो हिम्मत में दुर्गा हो
जो क्रोध में काली हो ,
जो भरी हुई गागर हो
जो अथाह अगाध सागर हो ,

इनको चुनौती दे कर
कहाँ तुम जाओगे
पूरी धरा पर घूम कर
इनकी शरण ही आओगे ।

स्वरचित एंव मौलिक
( ममता सिंह देवा , 15/03/2021 )

Language: Hindi
391 Views
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