चुनौतियाँ शहरों की
अनगिनत चुनौतियाँ शहरों की
कहने और सुनाने को
इंसान तो क्या पक्षी भी
तरसते एक अदद आशियाने को
ना ज़मीन बची ना पेड़
रह गई तो बस भीङ
हर चीज़ पर हक जताने को
अनगिनत चुनौतियाँ शहरों की
कहने और सुनाने को
चित्रा बिष्ट
अनगिनत चुनौतियाँ शहरों की
कहने और सुनाने को
इंसान तो क्या पक्षी भी
तरसते एक अदद आशियाने को
ना ज़मीन बची ना पेड़
रह गई तो बस भीङ
हर चीज़ पर हक जताने को
अनगिनत चुनौतियाँ शहरों की
कहने और सुनाने को
चित्रा बिष्ट