🥀*✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
रूस्तम रूठे तो रूपमा, रूह रूठे तो कौन।
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
You Are The Sanctuary Of My Soul.
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
*वह महासमर का नायक है, जो दुश्मन से टकराता है (राधेश्यामी छं
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।