यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
वर्तमान के युवा और युवतियां महज शारीरिक आकर्षण का शिकार हो र
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
"नित खैर मंगा सोणया" गीत से "सोणया" शब्द का न हटना साबित करत
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
अनपढ़ को अंधेरे से उजाले की तरफ,, ले जाने वाले हमारे प्यारे श
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।