चुनाव
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हवनकुंड की धु धु होती लकड़ियों के साथ नीना का दिल भी जल रहा था और राख हो रहा था। पच्चीस वर्ष की उम्र में तीन साल की जानवी और एकसाल की कावेरी को समेटे बैठी थी। पति मिलिंद का चौथा चल रहा था। चार दिन पहले अट्ठाईस की उम्र में इसी जगह आंगन में खड़े खड़े हृदयगति केरूक जाने से चल बसा था। डॉक्टर ने कहा था कभी कभी स्वस्थ नौजवान के दिल की एक दो बीट्स ऐसे मिस हो सकती हैं और वह मृत्यु को प्राप्त होसकता है , पूरा परिवार तो क्या पूरा शहर सकते में था।
आज से पांच साल पहले जब वो मिलिंद से पहली बार मिली थी , तब जीवन कितना सम्पन्न और भरपूर लग रहा था। उसी साल वह मिस जबलपुर बनीथी और मिस इंडिया बनने के सपने देख रही थी , परन्तु उन्हीं दिनों मिलिंद के पिता ने उसे दोस्त की शादी में डांस करते देख लिया था , और अपने सबसेछोटे बेटे के लिए उसे पसंद कर लिया था। नीना के माँ बाप की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था , भोपाल का इतना रईस परिवार , पूरे देश भर में उनकीबिलियर्ड्स टेबल्स बिकती थी , एक थ्री स्टार होटल था , न जाने कितनी जमीन जायदाद थी ,घर इतना बड़ा था कि लोग उसे महल कहते थे।
नीना जब मिलिंद से मिली तो देखती ही रह गई, इतना लंबा और मुस्कराता हुआ चेहरा , सबका कहना था इतने खूबसूरत जोड़े कम ही मिलते हैं।
यूँ तो मिलिंद का संयुक्त परिवार था , पर तीनों भाइयों के पास रहने के लिए एक के ऊपर एक अपने अपने बड़े से फ्लैट थे , सास ससुर उसी प्रांगण में बड़ेसे बंगले में रहते थे , सबके पास अपनी रसोई की सुविधा के बावजूद खाना बंगले में बनता था। और रात का खाना सब भाई अपने परिवारों सहित माँबाप के साथ ही खाते थे। वैसे तो नीना को कोई परेशानी नहीं थी, पर उसे काम करने की आज़ादी नहीं थी , यहां तक कि घर की बहुएं कार भी नहीं चलासकती थी।
इससे पहले कि नीना इसके विरोध में कुछ कहती वो गर्भवती हो गई , जानवी अभी दो साल की हुई ही थी कि कावेरी आ गई , दो लड़कियों के आने सेसास खुश नहीं थी , परन्तु अभी तीसरी बार लड़का होने की उम्मीद थी , मिलिंद के जाने से वो संभावना भी जाती रही।
घर की चार दीवारें उसके लिए कुछ और सिकुड़ गई थी , वो बाहर जाए भी तो कहाँ ! इतने बड़े घर में इतने सारे लोगों के बीच वह अकेली पड़ गई , औरउसकी जिम्मेवारियां बढ़ने लगी। उसे पता चला , मिलिंद के नाम इस फ्लैट के अतरिक्त कुछ भी नहीं , सबकुछ सास ससुर के नाम है , उसे हर महीनेजेबखर्च के पैसे मिलते थे , अब क्योंकि वह नहीं रहा वो पैसा भी मिलना बंद हो गया। नीना को जब भी जरूरत हो , मांग ले , उसके ससुर जी ने कहा।
नीना ने सारा ध्यान घर के कामों में लगा दिया , उसे लगा कोई तो उसकी अच्छाई देखेगा और उसे न्याय देगा , परन्तु इसका परिणाम उल्टा हुआ , लोगोंको उसके काम की आदत होने लगी , और बहुत जल्द उसकी हालत एक नौकरानी जैसी होने लगी , दोनों जिठानियों ने ऑफिस जाना शुरू कर दिया , क्योंकि मिलिंद के जाने के बाद उनके पतियों को यह समझ आ गया कि उनकी पत्नियों को बाहर काम करने की समझ होनी चाहिए। कावेरी अभी छोटीहै और उसे माँ कि जरूरत है , और घर सम्भालने के लिये भी तो कोई चाहिये ,कहकर ससुर जी ने उसकी प्रार्थना को ठुकरा दिया।
समय बीतता रहा । नीना की बेटियां सुन्दर, स्मार्ट निकलने लगी । दोनों ने ग्राफ़िक डिजाइनिंग में डिग्री ली, और बहुत अच्छे पढ़े लिखे लड़कों से शादियांभी हो गई। सास ससुर को गुज़रे कुछ वर्ष हो चुके थे, सारा खर्च जेठ जेठानियों ने उठाया था , नीना उनके अहसान के नीचे और भी दबी जा रही थी , उनकी सेवा में उसके कदम और भी तेजी से चलने लगे थे।
जानवी एक वर्ष से अपने पति के साथ अमेरिका में थी। उसने माँ से अमेरिका आने की ज़िद्द की ।पहली बार उसका पासपोर्ट बना , वर्षों बाद वो दिल्लीजेठ जी के साथ गई और उसने वीसा इंटरव्यू दिया।
जानवी ने उसे पूरी जानकारी जेठजी के ईमेल पर भेजी , उन्होंने उसे प्रिंटआउट लाकर दिया। उसमें सारी सूचना विस्तार से थी कि कैसे वह अपना सामानचेक इन में भेजे , कैसे बोर्डिंग पास ले, कैसे गेट ढूंढे , वगैरा , उस प्रिंटआउट को पढ़ते पढ़ते वह कैनेडी एयरपोर्ट से बाहर निकल आई।
जानवी और सहज ने उसे सिर आँखों पर बिठाया। हर वीकेंड वे सब घूमने जाते , नए लोगों से मिलते, जानवी ने नीना की कुछ अपनी हमउम्र के लोगों सेमिलवा दिया। नीना में फिर से एक निखार आने लगा , उसका सौंदर्य फिर से लोगों को आकर्षित करने लगा। नीना में आत्मविश्वास फिर से लौटनेलगा। भोपाल जाकर उस घर में रहने के ख्याल से ही उसकी आत्मा काँपने लगी।
एक दिन उसने जानवी से कहा , “ क्या ऐसा हो सकता है कि मैं फिर से जीवन आरम्भ कर सकूं ?”
“ क्यों नहीं , तुम यहां कुछ भी कर सकती हो। ”
“ तो क्या मैं फिर से विवाह कर सकती हूँ ?”
जानवी सोच में पड़ गई।
“ क्यों झटका लगा ? “ नीना ने मुस्करा कर कहा ।
जानवी ने उत्तर नहीं दिया तो नीना ने फिर कहा ,
“ अब तुम शादीशुदा हो , और समझती हो कि एक साथी की सबको जरूरत होती है। मुझे तो अब मिलिंद की शक्ल भी ठीक से याद नहीं , फोटो देखतीहूं तो सब ताजा हो जाता है। तुम दोनों बहनें इतनी छोटी थी कि मेरे पास कोई चुनाव ही नहीं था , पर अब है , और मैं चाहती हूँ शादी .कॉम पर तुम मेराबायोडाटा अपलोड करो।
“ जरूर मम्मी , बल्कि यह सब मुझे और कावेरी को बहुत पहले सोचना चाहिए था। ”
नीना रात रात भर बैठ कर दुनियां भर के व्यक्तियों से चैट करने लगी। दो महीने के प्रयासों के बाद उसे राजेश मिला ,जो नीना से पांच साल बड़ा था , और दो साल पहले उसकी पत्नी का देहांत हुआ था , उसने सहज , अपने दामाद से कहा कि वह राजेश को अपने घर निमन्त्रित करे, ताकि उसको औरजाना जा सके ।
वह बोस्टन में रियल्टर था और अच्छी खासी जायदाद का मालिक था। उसके दो बेटे थे , जो अपनी अपनी जिंदगी में व्यस्त थे , उसे नीना पसंद थी , परन्तु वह विवाह नहीं लिविंग इन चाहता था। उसका कहना था , विवाह से उसके बच्चों को आपत्ति हो सकती है।
सहज ने कहा , “ यदि यह आपत्ति सम्पति को लेकर है तो इस बारे में बात हो सकती है। अब तक की सारी सम्पति उन दोनों के लिए होगी , परन्तु विवाहके बाद आप जो भी अर्जित करेंगे , उसमें मेरी माँ का भी हिस्सा होगा। “
राजेश ने नीना के साथ कुछ समय बिताने का प्रस्ताव रक्खा। राजेश कई वीकेंड नीना से लगातार मिलने आता रहा । एक वीकेंड ऐसे ही कार्निश परटहलते हुए राजेश ने कहा , “ इतने दिन तुम से चैट करने और मिलते रहने के बाद मुझे लगता है जैसे मैं तुम्हें हमेशा से जानता रहा हूं। ठीक वैसा हीमहसूस कर रहा हूँ , जैसे अपनी पत्नी के साथ शुरू शुरू के दिनों में किया था। वही उत्तेजना, वही ख़ुशी ।”
नीना की पलकें भीग गई, ” मेरे साथ तो वह सब इतनी तेजी के साथ हुआ था कि आज कह नहीं सकती कि क्या सच्च है क्या मेरी कल्पना। ”
राजेश मुस्करा दिया, ” तो आज कैसा लग रहा है ?”
नीना मुस्करा दी, ” लग रहा है, बरसों बाद साँस ले रही हूँ ।”
पूरा आसमान लाल हो रहा था, सूर्यास्त के समय नदी में पड़ती उसकी छाया जादू जगा रही थी, नीना और राजेश को लग रहा था जैसे हाथ में हाथ पकड़ेवे किसी विशाल से जुड़ रहे हों । उस एक पल वे दोनों जान गए कि आने वाले उनके दिन अकेले नहीं होंगे, बल्कि सुख शान्ति से भरे होंगे ।
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