चुनावी वादे करने का आ गया मौसम
चुनावी वादे करने का , आ गया मौसम
वोटरों को लुभाने का, आ गया मौसम |
कोरोना ने दी दस्तक , अपने पुनः आगमन की
इस त्रासदी में अपनों को , बचाने का आ गया मौसम |
जो गायब हो गए थे पांच साल तक , गधे के सर से सींग की तरह
ऐसे चुनावखोरों से , रूबरू होने का आ गया मौसम |
कहते हैं ” ये कर दूंगा ” ” वो कर दूंगा ” अगले पांच सालों में
ऐसी चुनावी भगोड़ों को , सबक सिखाने का आ गया मौसम |
जनता के दुःख – दर्द से , इन्हें क्या लेना
कुर्सी से इन्हें गिराने का , आ गया मौसम |
सरकारें तो आती – जाती रहेंगी ” अंजुम ”
ओमिक्रोन से खुद को बचाने का आ गया मौसम |
क्यूं कर हो जाएँ , इन बेवक्त रैलियों का हिस्सा
अपने परिवार को सहजने का , आ गया मौसम |
जीत गए जिन्दगी की जंग , तो और भी चुनाव देखेंगे
चुनाव की कीमत पर मरने का , नहीं आया मौसम |
हमने इनके वादे भी देखे , और वादों पर अमली जामा भी
इनके झूठे वादों में फंसने का , नहीं आया मौसम |
क्यूं कर कहानी हो जाए जिन्दगी , हमारी कोरोना काल में
नेताओं की कुर्सी बचाने का , सही नहीं है ये मौसम |
हमारे पैसों पर पलने वाले , हमारी ही मदद का झूठा वादा करते हैं
इनसे रिश्ता बनाने का , सही नहीं है ये मौसम |
जाग जाओ वोटरों अपने लिए , और अपने परिवार के लिए
जिन्दगी की जंग लड़ने का , सही है ये मौसम |
चुनावी वादे करने का , आ गया मौसम
वोटरों को लुभाने का, आ गया मौसम |
कोरोना ने दी दस्तक , अपने पुनः आगमन की
इस त्रासदी में अपनों को , बचाने का आ गया मौसम |