चुनावी वादा
एक नेता
चुनावी दरिया को
पार करने के लिए
अपनी नाव खे रहे थे
और पतवार जिनके हाथों में थी
भाषण दे रहे थे
भाइयों!
आपकी जो भी परेशानियॉं हैं
विपदाऍं हैं
उन्हें कुछ और दिन झेलिए
नेताजी को
अपना बहुमूल्य वोट देकर
संसद तक ठेलिए
उसके बाद
हम यहीं
इंद्र की परियॉं नचाऍंगे
सोम रस भी लाऍंगे
तब आपको
ना तो काबा की चाहत होगी
और ना ही चाहेंगे काशी
इनके जीतते ही
आपका एरिया बनेगा स्वर्ग
और आप स्वर्गवासी।