चुनावी माहोल
**चुनावी माहौल**
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चुनाव का माहौल
बिस्तर करे गोल
एक एक वोट का
होता है बहुत मोल
गधे को कहें बाप
चहुंओर गोल मोल
झूठों भरा पिटारा
बोलते हैं बिन तोल
नेता सारे होते चोर
रखते चेले सुडौल
हल्लागुल्ला है शोर
बजाते हैं खूब ढोल
घूमते रहें काफिले
सुनते हैं तीखे बोल
गिले और नाराजी
खुलती रहती पोल
मुफ्त में मिले दारु
न लगे प्लाजा टोल
गांव गांव और शहर
गलियों में घूमे टोल
वोटों की खातिर में
दे मय में पानी घोल
मनसीरत मतदाता
रखता जाल खोल
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)माहोलथं