Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2021 · 1 min read

चीर हरण

चीर हरण
सार छंद १६+१२
दुर्योधन ने दासी कहकर,
कडुवे वचन सुनाये।
जंघा पर इसको बिठलाओ,
सुनकर सब शरमाये।

वस्त्र हीन इसको कर डालो,
कर्कश शब्द ढहाए।
मूक हुए दर्शक सब बैठे,
ऊपर बांह चढ़ाए।

पाकर यह आदेश भ्रात का
दु:शासन उठ आया।
बेवश जो थी हुई द्रौपदी
उस पर हाथ बढाया।

केश खींच के दु:शासन ने
अबला समझ घसीटा।
भरी सभा में सबके सम्मुख
द्रुपद सुता को पीटा।

लगा खींचने साड़ी को जब,
तिल तिल बढती जाती।
मौन सभी बैठे थे लेकिन,
जो सब उसके नाती।।

बोल सके नहिं कुछ भी सारे,
समुझ न कुछ भी आया।
देखि सभा का घटना प्रक्रम,
दिल उनका घबराया।।

त्राहि त्राहि कर रहे मूक हो,
द्रुपद सुता यूं बोली।
चूड़ी पहनो महाबली अब,
अपनी चुप्पी खोली।

द्रोण पितामह कृपाचार्य सब,
भीगी बिल्ली बैठे।
बोल न पाए एक शब्द भी,
जो रहते थे ऐंठे।।

आर्तनाद सुन द्रुपद सुता का,
कान्हा दौड़े आए।
भक्त उन्हें अपने से प्यारा,
अतुलित चीर बढाए।

दिव्य मनोरम दृश्य सभा का,
लखकर मन हरसाया।
हर्षित मन से सभी सुरों ने,
पुष्पगुच्छ बरसाया।

Language: Hindi
4 Likes · 608 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
निर्णायक स्थिति में
निर्णायक स्थिति में
*Author प्रणय प्रभात*
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
3475🌷 *पूर्णिका* 🌷
3475🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मधुर व्यवहार
मधुर व्यवहार
Paras Nath Jha
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
"जरा सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
रात भर नींद भी नहीं आई
रात भर नींद भी नहीं आई
Shweta Soni
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रकृति की ओर
प्रकृति की ओर
जगदीश लववंशी
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
Shekhar Chandra Mitra
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
क्यूं हँसते है लोग दूसरे को असफल देखकर
Praveen Sain
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
*अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】*
*अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
डर
डर
Neeraj Agarwal
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
Loading...