Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

चीरता रहा

चीरता रहा
एक लम्हा
उल्फ़त का
मेरी खामोशी
तेरी याद बनकर

सुशील सरना / 10-2-24

97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
Rituraj shivem verma
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
एक खाली बर्तन,
एक खाली बर्तन,
नेताम आर सी
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
Phool gufran
****शिक्षक****
****शिक्षक****
Kavita Chouhan
* जगेगा नहीं *
* जगेगा नहीं *
surenderpal vaidya
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Stages Of Love
Stages Of Love
Vedha Singh
Dr Arun Kumar shastri  एक अबोध बालक 🩷😰
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वो ओस की बूंदे और यादें
वो ओस की बूंदे और यादें
Neeraj Agarwal
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
SHASHANK TRIVEDI
*नमन सेल्युलर जेल, मिली जिससे आजादी (कुंडलिया)*
*नमन सेल्युलर जेल, मिली जिससे आजादी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Omee Bhargava
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
मुश्किल हालात हैं
मुश्किल हालात हैं
शेखर सिंह
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
मनुष्यता बनाम क्रोध
मनुष्यता बनाम क्रोध
Dr MusafiR BaithA
कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
पूर्वार्थ
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
Ansh
Loading...