चीटी जब उचाई चढती है
चीटी जब उचाई चढती है
बहुत बार फिसलती है
कोशिश का दामन नही छोडती
आखिरकार बाद मे वो जीतती है
हमको भी हौसला रखना है
हताश नही होना है
अभी हम विफल नही हुए
क्या हुआ जो अब सफल नही हुए
चंदा मामा है हम सबका
रिश्तो मे नोक झोक हो जाती है
मिलकर हमे रहना चाहिए
नही तो दुरिया बड जाती है
चीटी जब उचाई चढती है
बहुत बार फिसलती है ।।
मंजिल की ओर तुम कदम बढाते चलो
राह मे कठिनाई तो हमेशा ही आती है
गर हो हौसला जुनून तुम मे
फिर देख कैसे सब कठिनाईयां घबराहती है
ऐसी कोई राह होती ही नही
जो बिन चले मंजिल को मिलाती है
जब मिल जाती है मंजिल चाही
उस वक्त मेहनत खूब खिलखिलाती है
चीटी जब उचाई चढती है
बहुत बार फिसलती है
कोशिश का दामन नही छोडती
आखिरकार बाद मे वो जीतती है ।।