चीटियाँ
कभी नहीं देखा –
चीटियों को एक – दूसरे पर
झपटा मारते हुए
न ही कभी देखा –
उन्हें आपस में
लड़ते- झगड़ते – भिड़ते…..
चीटियों ने कभी
किसी का खून नहीं किया
और न ही एकजुट होकर
घेराबंदी कर
हमला किया : दंगा – फसाद किया
चीटियों ने कभी किसी का
भोजन नहीं छीना
अनाज नहीं छीना
वे खुद ढोती हैं –
अपने से दुगुने भार वाले
गेहूं के दाने |
चीटियों को डर लगा रहता-
मनुष्य की क्रूरता से
कि – कहीं कोई पांव
उन्हें कुचल न दे….
इस लिए वे
अनहोनी होने से पहले
आक्रमण कर देती हैं –
चिपक जाती हैं
मनुष्य के पांवों से ! ????