चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
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चिड़िया रानी आओ ना
ची ची ची ची गाओ ना
दूध भात छज्जे पर रखा
थोड़ा भोग लगाओ ना।
जब तुम खिड़की पर आती हो
हँसती हो हँसाती हो
दूर देश की कथा कहानी
हमको खूब सुनाती हो।
हम तो तेरे इंतज़ार में
खिड़की पर ही बैठे हैं
नहीं भूख है,प्यास नही है
आओ तो थोड़ा हँस लें।
दूर देश की कथा कहानी
हमको खूब लुभाती है
सच तेरा है प्यार अनूठा
तू आती है हर्षाती है।
मैं कभी न भूलूँ प्यार तुम्हारा
स्नेह सदा पल-पल पाऊँ
अपने दिल मे तुम्हें बसाकर
मैं जग का राजा हो जाऊँ।
–अनिल कुमार मिश्र,राँची