चिड़िया की सीख
12.10.2020
बाल काव्य
?चिड़िया की सीख?
नीड़ में बैठे चिड़िया के बच्चे
चीं- चीं कर माँ से माँगें खाना,
उड़ जाती चिड़िया पंख पसारे
चोंच में भर-भरकर लाती दाना!
चिड़िया चहक -चहक पेड़ों पर
बच्चों को सिखलाती जीना।
फुदक-फुदक कर शाखाओं पर
निरत उड़ने का अभ्यास करना।
जब तक पंखों में जान न आए
घोंसला छोड़कर दूर न जाना,
जब उड़ने की ताकत आ जाए
अदम्य साहस से नभ को छूना।
आत्मनिर्भर जब बन जाओगे
बच्चो ! माँ को भूल न जाना,
मेहनत करके जीवन बिताना
जाने-अनजाने न मुझे सताना!
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खेमकिरण सैनी
बेंगलूरु