【5】 *?* मेरी माँ को दुख नहीं दूंगा *?*
एक चिड़िया देखी मानव ने, जो दाना लेकर फुर्र उड़ी
मानव पूछा चिड़िया रानी, इतनी भी तुझको क्यों जल्दी
एक चिड़िया …………
{1} मानव बोला क्या तुझको, मेरी सहायता आन पड़ी
चिड़िया बोली सुन रे मानव, न पूछ मुझे जल्दी है बडी
खबर नहीं तुझे इस पल की, मेरे बच्चों की भूख बढ़ी
एक चिड़िया …………
{2} मानव ने कहा सुन री चिड़िया, तू क्यों अपनी जिद पै है अड़ी
थोड़ी सी भूख सहन कर ही, तेरे बच्चे बने मजबूत कड़ी
चिड़िया ने कहा मैं तो माँ हूँ, ममता मेरे दिल मैं उमडी
एक चिड़िया ………….
{3} मानव बोला चिड़िया रानी, चिन्ता तो तेरी बहुत बडी
क्या तेरे बच्चे भी आगे चल, तुझे बने सहायता की छड़ी
चिड़िया बोली मुझे पता नहीं, कैसी होगी वो मेरी घड़ी
एक चिड़िया ………….
{4} बडे हुए चिड़िया के बच्चे, चिड़िया बन गई एक बूढी
प्यार करे न एक भी बच्चा, बहैं नैन अश्कों की झड़ी
भूख से व्याकुल चिड़िया सोचे, राम आई ये कैसी घडी
एक चिड़िया …………..
{5} माँ के दिये निवाले खा, सन्तान बनी स्वार्थी बड़ी
ममतामयी माँ को जो दुख दे, उनकी तो किश्मत उजड़ी
जैसा करे भरे वो वैसा, रब की अदालत बहुत बडी
एक चिड़िया ……………
सीखः- माँ हमारे लिए संसार के सब सुख छोड़ सकती है। क्या हम भी हमारी माँ के लिए संसार के सब सुख छोड़ सकते हैं।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599