चिरैया
है सूनी सूनी सी
बगिया
नहीं सुनाई दे
चिं चिं चिं चिं
चिरैया की आवाज
सुबह सुबह
है सूना सूना
घर परिवार
सुनाई नही दें
आवाजे
नन्ही बिटिया की
बनाओ घरोंदे
हर वृक्षों में
चिरैया रहे
निश्चिन्त हो कर
करो ईज्जत
दो प्यार
बिटिया को
चैहकें
यहाँ वहाँ
चिरैया सी
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल