” चिन्तन “
” चिन्तन ”
जो रचनाकार 18 बरस के नवयुवक से लेकर 100 साल के बुजुर्ग की तरह सोच या लिख नहीं सकता है तो उसे अपने कलमकार होने के बारे में जरूर चिन्तन करना चाहिए।
” चिन्तन ”
जो रचनाकार 18 बरस के नवयुवक से लेकर 100 साल के बुजुर्ग की तरह सोच या लिख नहीं सकता है तो उसे अपने कलमकार होने के बारे में जरूर चिन्तन करना चाहिए।