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13 Oct 2023 · 1 min read

चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर

चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर नहीं हुई है आपत्तियों को दूर करने का उपाय है उत्साहपूर्ण पुरुषार्थ । परिस्थितियों के वशीभूत होकर आत्मसमर्पण कर देना विनाश का कारण है, तो चिंताएं छोड़कर पुरुषार्थ के लिए कमर कसिऐ ।
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विनोद कृष्ण सक्सेना (पटवारी)

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