चिंतन…
विचारों के
प्रवाह को
चिंतन चुनौती
देता है,
किन्तु
निर्णय की
स्थिति से पूर्व
महत्व केवल
चिंतन का है…
क्या सही
और क्या गलत
केवल समय
देखता है…
अथाह है
विचारों का
ताना-बाना
यदि निष्कर्ष
तक है जाना…
तो सुनिश्चित
करनी ही होगी
धैर्य की परिकाष्ठा…
सत्य केवल
प्रतिक्षा का परिणाम है…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’