चाहे टूटे तेरे सपने बार बार
चाहे टूटे तेरे सपने
जीवन में बार बार
पर ऐ सपनों के सौदागर
तू सपने देखना कभी मत
छोड़ना
तू उनको देख
एक बार नहीं
दो बार नहीं
सौ बार नहीं
हजारों बार
लाखों बार
बार बार
सपने न भी हो पूरे तो
क्या हुआ
सपने में जो भी देखा
उसे तो तूने पाया
वह तो कम से कम तेरा हुआ
पूर्ण न सही
आंशिक तौर पर ही सही
सपना सपना देखने भर से
सपना देखने की रात
सपने में पूर्ण रुप से
जीवन में बिल्कुल नहीं या
आंशिक रूप से पूरा तो हुआ।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001