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25 Oct 2020 · 1 min read

चाहे गरदन उड़ा दें…

अगर आप चाहे तो गरदन उड़ा दें
यह मुमकिन नहीं हम कसीदा सुना दें

खुदा मान सकते नहीं नाखुदा को
अगर आप चाहे सफ़ीना डुबा दें

तुम्हें शान अपनी बढ़ानी अगर हो
उसे कोई झूठी कहानी सुना दें

यहां भूख रो कर यही कह रही है
सुकूं के लिए ज़हर देकर सुला दें

हमें गम की तौहीन करनी नहीं है
जगह बे जगह कैसे आंसू गिरा दें

वतन पर बुरा वक्त आने न पाए
ज़रूरी अगर हो यह सर भी कटा दें

मकां बन गया है बहुत खूबसूरत
अगर हो मुनासिब इसे घर बना दें

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