चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी।
आँसू बहायेगी छुप- छुपकर, तुमको नींद नहीं आयेगी।।
चाहे किसी के साथ रहे तू —————————–।।
मुझ सी मोहब्बत नहीं मिलेगी, जिसको बनाया है तुमने मीत।
तोड़ेगा जब वह दिल तुम्हारा, मेरी वफ़ा तुमको तड़पायेगी।।
चाहे किसी के साथ रहे तू —————————–।।
जब भी तू मुझसे रूठी है, मैंने मनाया तुमको बहुत।
होगी नहीं तेरी इज्जत ऐसी, तू बहुत वहाँ पछ्तायेगी।।
चाहे किसी के साथ रहे तू —————————–।।
चाहे रहे तू वहाँ महलों में, या फूलों पर तू सोये।
फिर भी होगी तू पिंजरे में, आजादी ऐसी नहीं पायेगी।।
चाहे किसी के साथ रहे तू —————————–।।
बहुत किया तुमने मौज मेरे साथ, तुमको भी मालूम है।
साया मेरा नहीं छोड़ेगा दामन, आवाज मुझको लगायेगी।।
चाहे किसी के साथ रहे तू —————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)