Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2022 · 1 min read

चाहिए खुशियां तुम्हारी

तुम नदी हो मैं हूं प्यास तुम्हारी
हर वक्त आती है ये याद तुम्हारी
तुमने मुझे कल जब देखा नहीं
तब से हो गया हूं उदास प्यारी।।

खफा क्यों हो गए मुझसे तुम
मानता हूं मैं तो हर बात तुम्हारी
ऐसा तो तुम कभी करते थे नहीं
क्या चल रही मुझे छोड़ने की तैयारी।।

कोई बात नहीं है गर यही इच्छा तुम्हारी
स्वीकार है मुझे ये, जो है इसमें खुशी तुम्हारी
मान गया हूं मैं, देखकर ये तल्ख तेवर तुम्हारे
लगता नहीं मुझे अब होगी मुलाकात हमारी।।

लग रहा है तुमको शायद ये आज
मैं नहीं दे पा रहा तुम्हें खुशियां तुम्हारी
मेरे लिए तो ज़रूरी है खुशियां तुम्हारी
चाहे उसमें न हो कोई जगह हमारी।।

होगी मुझे खुशी और भी ज्यादा
बस आयेगी जिंदगीभर याद तुम्हारी
पल पल बीते तुम्हारा हंसता हुआ हमेशा
और आए न कभी तुम्हें याद हमारी।।

तेरी इन आंखों में न कभी आए आंसू
मिले तुझे इस जहां की खुशियां सारी
चेहरे पर न कभी आए शिकन तुम्हारे
रहो हंसते मुस्कुराते है ये दुआ हमारी।।

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 314 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
Ramnath Sahu
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
Rakesh Panwar
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
*आया पहुॅंचा चॉंद तक, भारत का विज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
Kanchan Alok Malu
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
मतदान
मतदान
Aruna Dogra Sharma
प्यारी मां
प्यारी मां
Mukesh Kumar Sonkar
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
Shweta Soni
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
धर्मांध
धर्मांध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
कोई भोली समझता है
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
Loading...