Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2023 · 1 min read

#चाहत छमछम छमछम बरसूं

★ #चाहत छमछम छमछम बरसूं ★

दिल का दर्पण हुआ धुंधला धुंधला
वो जबसे गए आँखों से उतरके
चौंक-चौंक जाती हैं खिड़कियां
सहमे-सहमे रहते हैं द्वार घरके

झूला करती हैं समय के माथे पर
गई बीती बातों की झालरें
मैं चुप हूं मेरा मनवा चुप है
देखा करते हैं फिर भी लोग ठहरके

पगलायी-सी फिरे स्मितपैंजनियां
प्रीतनगर की गलियों में
चाव के पांव से विलगी
सखी आशा से बिछुड़के

गमलों में खड़े पीपल के पेड़
और तुलसी का वन प्यासा
आंसू बचे हुए हैं शेषधन
आए गए बादल आँख भर-भरके

पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन
पीरपवन इक जैसी चली है
पहचानती हैं सब गलियां
मुझे जानते हैं चौक नगरके

सपने नदियां आते जाते
निश्चय मानसरोवर झील
चाहत छमछम छमछम बरसूं
किसीके नयनों से मैं निखरके

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2911.*पूर्णिका*
2911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आशिक़ का किरदार...!!
आशिक़ का किरदार...!!
Ravi Betulwala
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरे दिल में है अहमियत कितनी,
तेरे दिल में है अहमियत कितनी,
Dr fauzia Naseem shad
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
शेखर सिंह
हवा तो थी इधर नहीं आई,
हवा तो थी इधर नहीं आई,
Manoj Mahato
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Madhu Shah
#दिवस_विशेष-
#दिवस_विशेष-
*प्रणय*
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
Madhuyanka Raj
आंखो मे छुपे सपने
आंखो मे छुपे सपने
अमित
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
Shashi Mahajan
गुरु को नमन
गुरु को नमन
पूर्वार्थ
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
शाम के ढलते
शाम के ढलते
manjula chauhan
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
Surinder blackpen
धधक रही हृदय में ज्वाला --
धधक रही हृदय में ज्वाला --
Seema Garg
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
sushil sarna
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
Piyush Goel
Loading...