चाहत इतनी थी
दिल की गहराइयों को नया मुकाम मिला
जो चाहा वो सरे- आम मिला
चाहत इतनी थी कि क्या बताएं
जो किया भी नहीं उसका भी इनाम मिला
दिल की गहराइयों को नया मुकाम मिला
जो चाहा वो सरे- आम मिला
चाहत इतनी थी कि क्या बताएं
जो किया भी नहीं उसका भी इनाम मिला