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19 Jul 2020 · 1 min read

” चालाकी “

ये ज़ाहिर मत होने दो
की तुम परेशांं हो
तुम्हारी इसी ना – ज़ाहिरी से
वो खुद-ब-खुद मर जायेंगे ,

गर इसी तरह करते रहे तो
देखना एक दिन
तुम्हारे आस्तीन में वो जो बैठे हैं
परेशां हो बाहर निकल आयेंगें ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 12/07/2020 )

Language: Hindi
2 Comments · 317 Views
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