*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )
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1
चार साल की उम्र हमारी, साइकिल खूब चलाते
बाबा जी के संग पार्क में, रोज घूमने जाते
2
आगे-आगे हम साइकिल पर, लंबी दौड़ लगाते
पीछे-पीछे बाबा जी भी, दौड़े-भागे आते
3
सड़कों पर है भीड़-भाड़ अब, सभी जगह ही ज्यादा
आड़ी-तिरछी मोड़ साइकिल, बाबा हमें बचाते
4
हमसे तेज दौड़ना आता, बाबा ठहरे बूढ़े
उन्हें पार्क के चक्कर में हम, जमकर खूब हराते
5
हमें पार्क की हरियाली के, सुंदर दृश्य लुभाते
सपने में भी पार्क देखकर, हम अक्सर मुस्काते
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451