Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|

चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
आपकी अर्थी पर यहीं चार लोग कहेंगे, मेरा कंधा दर्द हो गया अब अर्थी तुम संभालो||

1 Like · 137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
"एक ख्वाब टुटा था"
Lohit Tamta
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Santosh kumar Miri
शाम
शाम
Kanchan Khanna
लहजा
लहजा
Naushaba Suriya
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
किसी के लिए आफ़त है..
किसी के लिए आफ़त है..
Ranjeet kumar patre
*स्वदेशी या विदेशी*
*स्वदेशी या विदेशी*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
जंजालों की जिंदगी
जंजालों की जिंदगी
Suryakant Dwivedi
*दिल के रोग की दवा क्या है*
*दिल के रोग की दवा क्या है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4552.*पूर्णिका*
4552.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
*बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट*
*बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट*
Ravi Prakash
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
छुआ  है  जब  से मैंने उम्र की ढलान को,
छुआ है जब से मैंने उम्र की ढलान को,
Dr fauzia Naseem shad
माया का संसार है,
माया का संसार है,
sushil sarna
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
शेखर सिंह
हाँ, यह सपना मैं
हाँ, यह सपना मैं
gurudeenverma198
मुरली की धू न...
मुरली की धू न...
पं अंजू पांडेय अश्रु
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
"जरूरतों में कम अय्याशियों में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
समाजों से सियासत तक पहुंची
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
*प्रणय*
प्रेम की गहराई
प्रेम की गहराई
Dr Mukesh 'Aseemit'
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...