चारों धाम
तेरी यादों को मेरी मां मैं अपना काम लिखता हूं
मेरे हृदय के हर पन्ने पर तेरा ही नाम लिखता हूं
मेरे लहजे कि छेनी में गढ़े है सिपु के मोती
तेरे चरणों को मेरी मां मैं चारों धाम लिखता हूं
लय – कुमार विश्वास
लेखक- आशीष गुर्जर
तेरी यादों को मेरी मां मैं अपना काम लिखता हूं
मेरे हृदय के हर पन्ने पर तेरा ही नाम लिखता हूं
मेरे लहजे कि छेनी में गढ़े है सिपु के मोती
तेरे चरणों को मेरी मां मैं चारों धाम लिखता हूं
लय – कुमार विश्वास
लेखक- आशीष गुर्जर