चाय
अदरक पड़ती चाय में , मिले स्वाद लजीज
सखा सनेही पान कर , होये परम अजीज
सुबह शाम ज़ो मिले नहिँ, रहे मूड तब आफ
इलायची संग लोंग नहिं, हो जाता है हाफ
पेय सलोनी चाय है , नहीं पिलाना भूल
अतिथि पधारे भवन जब , पीकर होये कूल
बात सर्द की चले जब , रहे एक कप चाय
साथ पकोड़े गर्म हो , शीत लहर को बाय
लोटे हारा थका जब , रहे चाय की चाह
पीने को जब मिले तो , मुख से निकले आह