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4 Mar 2024 · 1 min read

चाय – दोस्ती

सर्दी बहुत बढ़ गयी है,
आखिर जनवरी का महीना है,
रेस्तरां में खड़े यूंही,
किसी ने कहा,
हम भी मुस्कुरा दिये,
चाय हो जाये एक प्याली,
साथ बैठे, चाय पी,
साथ दोस्ती में बदल गया।

रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)
दिनांक :- ०८/०१/२०२२.

Language: Hindi
1 Like · 181 Views
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