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27 Jan 2017 · 1 min read

चापलूसी की रूपहरण

चापलूसी चमचाई,
हो गई है आज भाई,
चोरों का ही ऊँचा आगे,
हो गया है किरदार।

झूठ बोलने ही वाला,
खायेगा पूरा निवाला,
जन्मसिद्ध उसने ही,
पा लिया है अधिकार।

सत्यवादी का तो बोल,
बचा ही नहीं है रोल,
झूठ बोल लेना मानों,
आज की है दरकार।।

अवगुणी गुणी हुआ,
गुणी अवगुणी हुआ,
अवगुण गुण वाला,
सबसे है होशियार।।

Language: Hindi
556 Views
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