*चाचा–भतीजा* / मुसाफ़िर बैठा
व्यवस्था उसकी जेब में
डेलीगेटेड पड़ी है
राजा का वह हमजोली मुंहबोला भतीजा है
तीसरे दर्जे का सरकारी नौकर है
यह भतीजा
मगर
दूसरे–पहले दर्जे के अफसर
उसको सैल्यूट दागते हैं
दलित जात है यह
व्यवस्था का सिपाही बना भतीजा
रुख भांप
सवर्ण भी उसके तलवे सहलाते हैं
पांचों उँगलियों में ग्रह नाशक अंगूठी पहनता है सवर्ण व्यवस्थापक और उसका यह दलित भतीजा भी
वर्ण व्यवस्था से चलकर आई
जाति प्रथा के
दो धुर छोरों पर हैं दोनों
धर्मफेरे से जात रिश्ते में
भतीजा बकरी है तो चाचा बाघ
यद्यपि कि
हर हिन्दू पर्व कर्म का एक समान
बड़ा ग्राहक हैं चाचा भतीजा।