चाकू
5 कहा़नी =चाकू जो एक क्राइम कहानी हैं रील=05
स्क्रिप्ट-रौशन राय का
लगा कि कल ही तो आरोही राय सब कुछ बता कर दस पंद्रह दिन का समय ली थी और इसी दस पंद्रह दिन में हम बहुत कुछ पता लगा लेते उस दिव्या को पकड़ कर मगर कल बात हुआ और रात में बुढ़िया काकी का कत्ल सावित्री ने कहा सर कातिल तो करीब में ही है पर उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। ऑफिसर ने पुछा जिस पर शक है तुम्हें उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लो तों सावित्री देवी ने कहा कि सर वो बहुत लोकप्रिय आदमी हैं। नाम है उनका जे के इस जे के के लिए सारे लोग विद्रोह भी कर सकता है जिससे मामला और बिगड़ सकता है यदि कातिल जे के नही हुआ और विद्रोही का फैदा उठा के एक दो मडर और हों गया तो निश्चित ही लोग सड़क पर उतर आएंगे हमें सावधानी से ही काम लेना चाहिए उधर से आॅफिसर ने कहा सावित्री अब समय धीरे धीरे बहुत हो गया कातिल अब तक पकड़ में आ जाना चाहिए था। सावित्री ने कहा सर आरोही राय जी को बोलिए की वो दिव्या से सम्पर्क बनाए रखें हो सकता है कि हमें दिव्या से ही कोई सुत्र मिल जाए आॅफिसर ने सावित्री को कोशिश करने की सलाह दी और ठीक है कहके फोन काट दिया। जहां पर बुढ़िया काकी का मडर हुआ था वहां पर बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए और कहने लगें की बताइए कि इस बुढ़िया काकी से उसका क्या दुश्मनी था और कौन है कितना ख़तरनाक है सातिर दिमाग का है ये प्राण के दुश्मन और जाने क्या क्या लोग पुलिस और कानून के बारे में कह रहे थे और पुलिस कि गाड़ी अपने तिखे स्वर से गला फाड़ता हुआ वहां पर पांच छः पहुंच गया वहां पर इक्कठें लोगों ने सभी गाड़ी को घेर लिया और जिनके मन में जो आ रहा था वहीं बोल देता और कानून पुलिस का मजबुरी था सुनना क्यों की अभी तक कातिल का कोई सुराग भी नहीं मिल पाया था। पुलिस गाड़ी से निचे उतरे और सबको समझाने की कोशिश कर रहे थे पर लोगों का डर धीरे धीरे गुस्सा का रुप ले रहा था। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आप लोग ही ऐसे करेंगे तो कातिल का हौसला तो और मजबूत होगा। प्लीज आप सब समझने की कोशिश करें कि हम पुरा कोशिश कर रहे हैं। और हमें आपके मदद की बहुत जरूरत तो पब्लिक ने कहा कौन सा मदद कैसी मदद कौन है जों आप लोगों का मदद करके अपना जान गवाएंगा। मिडिया वाले ने तो एकदम सवालों का बरसात कर दिया और पुलिस कमिश्नर सबसे सच्चाई बताते कि अभी तक कातिल का कुछ भी सुराग नहीं मिला है इस पर एक व्यक्ति ने कहा यदि अब कोई कत्ल हुआ तो फिर हम सब कानून को अपने हाथ में ले लेंगे पुलिस कमिश्नर ने फिर सबसे रिक्वेस्ट कर शांत कर दिया और वहां से चल दिया चारों तरफ लाॅकडाॅन जैसा माहौल तो था ही फिर सभी आदमी अपने अपने घर चले गए इस बार जे के बुढ़िया काकी के मौत पर वहां नहीं पहुंचा तो सावित्री और सागर ने नोट किया कि जे के जी नहीं आएं क्योंकि सावित्री और सागर का ध्यान तो जे के पर ही था सावित्री देवी और सागर आपस में बात भी किया कि आज जे के नही आया, बुढ़िया काकी के लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तब तक कोई उसको हाथ नहीं लगाया था जो भी किया वो पुलिस कमिश्नर का ही टीम किया। आज फिर बड़ी मुश्किल से माहौल शांत हुआ था। बुढ़िया काकी का पोस्टमार्टम में डाॅक्टर ने बताया कि इसे एक ही बार में गला काटा गया है। और शरीर पर किसी दूसरे के पकड़ का कोई निशान नहीं है बल्कि बुढ़िया काकी का ही हाथों का निशान हैं ये बात सुनकर सभी आॉफिसर जैसे सदमे में पहुंच गया और एक बार। डाॅक्टर के रिपोर्ट के बाद क्राइम ब्रांच आॅफिसर ने सोचा कि अब दिव्या ही कुछ राज बता सकतीं हैं और तुरंत आरोही राय को बोला गया कि आप उसको अपने सम्पर्क में रखों आरोही राय ने अपने आॅफिसर को ओ के सर कह कर फ़ोन काटी और दिव्या को फोन लगाया पहले तो फोन कवरेज एड़ियां से बाहर बताया और दो चार बार लगाने पर मोबाइल की रींग टोन में ये गाना बजा लाख छुपाओ छुप ना सकेंगा राज हो कितना गहरा, दिल की बात बता देती हैं असली नकली चेहरा। और एक आदमी ने फोन उठाया और पुछा आप कौन बोल रहीं हैं तों आरोही राय ने कहा कि थोड़ा दिव्या से बात करवाइए तों उधर से आवाज आई कौन दिव्या यहां कोई दिव्या नहीं है। फिर आरोही राय ने कहा भाय देखो ये फोन दिव्या की है और वो मुझे इसी नंबर से फोन भी की थी। तो फिर उधर से आवाज आया देखिए ये मेरा फ़ोन मेरे दोस्त के घर से गायब हो गया था और किसने लिया था वो पता ही नहीं चला और अचानक मुझे आज एक पार्टी में शामिल होने पर मिल गया अभी अभी मैं पार्टी से आ ही रहा हूं और पहला काॅल आपका ही आया है इस पर आरोही राय ने पूछा आपका नाम क्या है तों उधर से आवाज आया की मेरा नाम शेखर है। तो शेखर जी आप अपने मोबाइल खोने का रिपोर्ट थाना में दर्ज किया था तो शेखर ने कहा हां मैडम जी मैं दर्ज करवाया था और अब थाना को ये बता देता की मेरा मोबाइल मिल गया है उससे पहले आपकी फोन आ गया तो आरोही राय ने पुछा उस थाना का नाम बताइए तो शेखर ने थाना का नाम बता दिया लेकिन थाना का नाम बताते ही शेखर ने पुछ दिया मैडम जी आप इतना पुछ ताछ क्यों कर रही हैं, तों आरोही राय ने कहा आपका मोबाइल किसी गलत लड़की ने गलत काम के लिए चुरायी थी और उसका काम हो गया तो वो आपका मोबाइल आपकों वापस कर दिया ताकि आप फंसो और वो कोई और नहीं आपके अपना कोई हैं जो आपको फसाना चाहतीं हैं और आप फस चुके हैं। तों शेखर ने कहा कि मैडम आप कौन हैं तो आरोही राय ने कहा आपको उसी थाना से हमारे बारे में पता चल जाएगा जहां पर आप ने अपने मोबाइल चोरी होने का रिपोर्ट दर्ज करवाया था। आरोही राय और शेखर में बहुत बातें हुई अंत में आरोही राय पुछा शेखर जी आपके दोस्तों में कोई दिव्या नाम की कोई दोस्त हैं तों शेखर ने कहा नहीं आपके साथ किसीका नाराजगी है या था तो शेखर ने कहा नहीं आरोही राय ने शेखर से बहुत सवाल किए और उधर से शेखर ने सही सही जवाब दिया। फोन रखने से पहले आरोही राय शेखर से कहा कि शेखर आप हमेशा हमारे सम्पर्क में रहेंगे वर्णा आप को भी अरेस्ट किया जाएगा शेखर जी मैडम कहा और आरोही राय ने फोन काट दिया। और सोचने लगा कि ये दिव्या कौन थी और मैं उसको देखुंगी तों पहचान तों अवश्य लूंगी वो सुंदर तों बहुत थी पर उनके शरीर पर कोई निशान तो मैं अवश्य देखी थी पर क्या हां याद आया कि उसके हाथ पर जलने का निशान और चेहरे में उपर के दाहिने होंठ के पास दो छोटे छोटे तील। ये लड़की कहा मिलेगी पहले शेखर को अपने साथ लेकर उनके दोस्त से पुछ ताछ करना होगा तभी कोई बात बनेगी आरोही राय ने फिर शेखर को फोन किया और कहां आप हमसे मिलों शेखर हां हां कहके फोन काट दिया और बीस मिनट में आरोही राय का एक टीम शेखर के घर पर पहुंच गया और शेखर उनसे मिला शेखर ने सबको चय पानी पुछा पर आरोही राय ने थैंक्स कहके मना कर दिया और शेखर से बोली आप हमें अपने दोस्त के घर पर लेकर चलों तुरंत अभी इसी वक्त आप अपना फोन हमें दे दिजिए जैसे जैसे क्राइम ब्रांच आॅफिसर आरोही राय ने कहा शेखर करता गया। शेखर के मां पिता जी चिंता करने लगे तो आरोही राय ने कहा आप चिंता न करें यदि आपका बेटा कुछ नहीं किया है तों जैसा हम चाहते हैं ये वैसा ही करें वर्ना जेल तो होना ही है हां यदि हमारे कहें अनुसार किया तो हम आपको गरैन्टी देता हूं कि शेखर को कुछ नहीं होगा और शेखर को गाड़ी में बैठाया और चल दिया। और सिधा अपने दोस्त प्रताप के घर पहुंचा और डोर बेल बजाया तों संयोग से प्रताप ने ही डोर ओपेन किया हाय शेखर हाय प्रताप हुआ और प्रताप ने कहा शेखर ये सब कौन है तो शेखर ने सब कुछ बता दिया और प्रताप ने भी सबको अपने घर के अंदर बुलाया और बैठने को कहा पर सबने थैंक्स कहके मना कर दिया। फिर आरोही राय ने प्रताप से अपने हिसाब से सवाल पुछने लगी और प्रताप ने भी सब ठीक ठीक जवाब दिया की हमारे दोस्तों में कोई दिव्या नाम की लड़की नहीं है। उधर जब सावित्री और सागर ने देखा की बुढ़िया काकी के क़त्ल पर जे के नही आया था तो दोनों दो दिन के बाद जे के से मिला और उनका हाल समाचार लेना चाहा और पुछा आप बुढ़िया काकी के मारे जाने पर जिज्ञासा बस नहीं गए किया आपका तबियत तों ठीक है न वहां पर सबको देखा पर आप नज़र नहीं आएं तो जे के ने ये कहां मैं जाता तब न नजर आता मैं गया ही नहीं, क्यों मैं वहां पर जाता अपनी बदनामी करवाने, सबका नज़र मुझे शक के निगाह से देखता इसलिए मैं वहां पर जाता। इस सोसायटी में सारे लोग मुझे इज्ज़त भरें नजरों से देखते हैं सारे लोग मेरे बातें सुनते मैं सबको अपना ही समझता पर जिस दिन से तुम दोनों यहां आये हों उस दिन से तुम हमेशा हमें शक के निगाह से देखते हों और हमारे प्रति लोगों के मन में तुम दोनों नफरत पैदा कर रहे हों की नही,जे के का ऐसे बात सुनकर तो दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया और मन ही मन सोचने लगा की कहीं इसको सब कुछ पता तो नहीं चल गया कि हम दोनों क्राइम ब्रांच के आॅफिसर है जे के कहने लगा तुम मुझसे पुछों की तुम्हारे इस रवैया से हमें कितना तकलीफें होती हैं जे के तो रंग बदलने में शायद गिरगिट को भी मात दे रहा था। अपना चेहरा इस तरह से मुरझा लेता था की देखने बालों को सोलह टक्का जे के पर विश्वास नहीं होता की ये आदमी अंदर से ऐसा खतरनाक भी हो सकता है। पर बात बिगड़ते उससे पहले सावित्री देवी और सागर ने सम्भाल लिया और जे के का हाथ पकड़ लिया सागर ने कहा आप तों का मअ खां हम पेन शक करते हैं। सागर ने ये महसूस किया की जब वो जे के के शरीर को छुआ तो उनके पुरे शरीर में एक अर्थ का महसूस हुआ जब तक सागर का हाथ या पुरे शरीर जे के के शरीर से सटा रहता तब तक कुछ महसूस नहीं होता और जैसे ही हट के दुवारा सटता फिर वो अर्थ लगता सागर ने ये भली भांति और बहुत गौर से अनुभव किया फिर भी जे के को तसल्ली देते रहा, अपने मन में जे के सोच रहा है सागर तुम्हें मैं बेवकुफ बना रहा हूं और तुम बन रहा है कुछ देर सावित्री देवी और सागर जे के से बात किया और फिर दोनों चल दिया चलते समय सागर ने सारे बात सावित्री को बता दिया और कहा अब अगले बार की मुलाकात में तुम उसको छुने का प्रयास करना और जो तुम्हें महसूस हो वो बताना। अब ये जे के का दुसरा भुल था जो अपने शरीर में सागर को छुने दिया किसी भी हाल में जे के अपने शरीर में किसी को भी टच नहीं करने देता क्योंकि वो अपने शरीर में एक…… मीटर लगा रखा था जो कि उन्हें सारे खतरों से सतर्क करते रहता था और सारे जानकारी उन्हें मिलते रहता था क्योंकि वो जादा अपने सोसायटी से बाहर नहीं निकलता था और जब उनके लिए बहुत इमरजेंसी हो जाता तब वो लगा कर निकलता और खतरा होने पर वो काम को दुसरे ढ़ंग से करने की कोशिश करता। जब जे के को लगा कि सागर को इसके बारे में पता चल चुका है तब जे के ने सागर को रास्ते से हटाने का योजना बनाने लगा। इधर सावित्री देवी और सागर सतर्क हो गया की समीर और बुढ़िया काकी को जे के मार डाला अब निश्चित ही हम लोगों पर वार होगा और बड़े सावधानी से रहना होगा,दोनों ने निश्चय किया कि हम दोनों अलग कहीं नहीं जाएंगे यहां तक की वाशरूम भी और किसी भी बाल कोनी का रुम का लाइट बंद नहीं करेंगे एक दम दोनों सतर्क से रहने लगा। और सारे जानकारी अपने क्राइम ब्रांच के आॅफिस में दिया। तों ब्रांच आॅफिसर ने कहा तुम दोनों को सौ प्रतिशत खतरा है हम तुम्हारे लिए कुछ हथियार भेज देते हैं तों सागर ने कहा सर फिर सभी लोगों को पता चल जाएगा की हम दोनों कौन है हों सकें तो आप कुछ ऐसा प्रबंध किजिए की हमारे घर के आस पास कोई भी आये या वो कुछ गलत करने को सोचें तो हमें उनका संकेत मिल जाए और उसे हम अपने साथ हमेशा रख सकें तों आॅफिसर ने कहा कि कल शाम तक तुम्हें वो यंत्र मिल जाएगा आफिसर ने ये भी कहा की जब तुम्हें इतना विश्वास है की जे के ही ये काम करता है और करवाता है तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करता। तो सावित्री देवी ने कहा सर हमारा भी जी यही करता है पर यदि हमने ऐसा कर दिया तों निश्चित ही हमारे खिलाफ यहां के लोग विद्रोह कर देगा और यदि कुछ भी हुआ तों सारा दोष हमारे सर लग जाएगा ये जे के ऐसा छवि यहां पर बनाया है पर आप विश्वास रखिए की जे के का पर्दाफाश बहुत जल्द कर दुंगा। तो आॅफिसर ने