चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
गीत
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
पर विधाता ने लिखी है झोपड़ी तकदीर में।
देश में ऊंचे गगन चुंबी भवन जो हैं बने।
देश का वो आईना यूं ही नहीं, हमसे बने।
हम दबे हैं नींव में बेशक कभी दिखते नहीं,
जैसे चीनी भी न दिखती खाते मीठी खीर में।…..1
अन्न दाता है हमीं पर हैं भिखारी जान लो।
भूख से भी मर रहे ये भी हकीकत जान लो।
कर्ज में डूबे तो छुटकारा दिलाया मौत ने,
कर्णधारों को नहीं रुचि है हमारी पीर में।…….2
रोड पर फुटपाथ पर भी नींद आ जाती हमें।
रेलगाड़ी धड़धड़ाती कत्ल कर जाती हमें।
रोटियों के वास्ते क्या क्या नहीं हमने सहा,
हम तिरस्कृत से पड़े हैं देश की जागीर में।…….3
जोर किस्मत पर किसी का भी कभी चलता नहीं।
फूल खिलता आश का हमको मगर मिलता नहीं।
प्रभु तुम्हारी ही रज़ा है हम करें तो क्या करें,
तुम ही बन सकते सहायक ख्वाबों की तामीर में।……4
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी