चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
गज़ल
2122/2122/2122/2
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
भूख महगाई गरीबी भी हटाओ तो।1
बेचिए मत देश की सम्पत्ति अब कोई,
रोजगारी के भी कुछ अवसर बढ़ाओ तो।2
छेड़ दो अब राग यारो देश के खातिर,
दर्द दुखियों के भी कुछ मिलकर मिटाओ तो।3
छेड़ दो अब राग यारो देश के खातिर,
शान्ति भाईचारे का नगमा सुनाओ तो।4
दूर है वो दिन नहीं जब जनता कह देगी,
वोट के खातिर न आपस में लड़ाओ तो।5
पांच सालों बाद आये वोट लेने फिर,
इक दफा जनता ढंग मुॅंह दिखाओ तो।6
प्रेम करना है तो ‘प्रेमी’ हौसला रक्खो,
डूब कर के प्रेम सागर पार जाओ तो।7
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी