चांद पर चाहे बाद में जाना
चांद पर कुछ बाद में जाना,
कुछ आवश्यक कर्तव्य निभाना,
काल कवलित हो रहे है मासूम,
इस का कोई हल ढूंढना ।
हाहाकार मचा बिहार में,
जान ले रहा बुखार रोज ही
इनको जल्द मदद पहुँचाना।
चांद पर कुछ बाद में जाना।
बहुत पीछे है विज्ञान हमारा,
बुझ रहा है आंखो का तारा।
रोता रह गया परिवार बेचारा
दिमाकी बुखार ने मारा
इनको जल्द मदद पहुँचाना।
चांद पर कुछ बाद में जाना।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र