चांद ने ज़ख़्मी किया
जो मेरा है, वही मेरा नहीं है
मिरी क़िस्मत में वरना क्या नहीं है
यह दिल उसके बिना लगता नहीं है
यह तब है जब कि वह मेरा नहीं है
मिरी किस्मत में वो है या नहीं है
नुजूमी से यही पूछा नहीं है
बिना जिसके अधूरी है कहानी
हक़ीक़त का मिरी हिस्सा नहीं है
बहुत ही खूबसूरत है ज़माना
मगर कोई तिरे जैसा नहीं है
हमें तो चाँद ने ज़ख़्मी किया है
मुहब्बत का मज़ा मीठा नहीं है
ग़ज़ल में उसको लाना चाहता हूँ
वह शेरों में मगर ढलता नहीं है
अमानत आँसुओं की बह न जाए
वह अरशद यूँ गले मिलता नहीं है