Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2017 · 1 min read

चांद का दर्पण

चांद का दर्पण

पूर्ण चंद्र की दिव्य आभा से​ हुआ नील वर्ण पर्यावरण
डूबा प्रेम में देख रहा है शशि, देखो क्षीर सिन्धु में दर्पण।
चांदनी हुलस रही प्रिय संग, किया प्रेम में आत्मसमर्पण।

दूर क्षितिज के पार जा पहुंचीं, शाश्वत प्रीति की धारा।
मदहोशी में है शरद यामिनी,नभ चमक रहा है सारा।

निश्छल कल-कल बह रही है, पावन प्रणय की सरिता।
मादक दामिनी की गूंज सुन, प्रेयसी का हृदय सिहरता।

देखो, प्रेमी पूनम के चांद का,खुल गया आज है राज़।
शहदमयी हुई निशा सलौनी, वादियां छेड़ रहीं साज।

पुलकित परिवेश में खिल रहे हैं शुभ्र कमल।
उल्लसित हो रहे चांद चांदनी शाश्वत प्रेमी युगल।

शुभ रात्रि का सुंदर यह काल है।
सब हर्षित हैं और निहाल है।
नीलवर्णी इस रात में सृष्टि का हर कण जी रहा है।
प्रत्येक प्राणी का हृदय आज, प्रेम संजीवनी पी रहा है।

उल्लास सबका उमड़ रहा है, इंदु कर रहा क्रीड़ा अनंत।
नीलम हुआ आज मोहक मौसम, वातावरण है प्राणवंत।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
I call this madness love
I call this madness love
Chaahat
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
Sonam Puneet Dubey
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बहुत प्यार करती है वो सबसे
बहुत प्यार करती है वो सबसे
Surinder blackpen
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
Dr fauzia Naseem shad
कैसा जुल्म यह नारी पर
कैसा जुल्म यह नारी पर
Dr. Kishan tandon kranti
फिर से लौटना चाहता हूं उसी दौर में,
फिर से लौटना चाहता हूं उसी दौर में,
Ranjeet kumar patre
कहते हैं जबकि हम तो
कहते हैं जबकि हम तो
gurudeenverma198
*होते यदि राजा-महाराज, तो फिर वैभव वह दिखलाते (राधेश्यामी छं
*होते यदि राजा-महाराज, तो फिर वैभव वह दिखलाते (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
..
..
*प्रणय*
तुम
तुम
Rekha khichi
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दोहे-बच्चे
दोहे-बच्चे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी
Rajesh
तृषा हुई बैरागिनी,
तृषा हुई बैरागिनी,
sushil sarna
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*Colors Of Experience*
*Colors Of Experience*
Poonam Matia
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
3687.💐 *पूर्णिका* 💐
3687.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
पूर्वार्थ
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...