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30 May 2024 · 1 min read

चांद का टुकड़ा

चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
जैसी है तेरी मुखड़ा
काली काली घटा सा
केश है तुम्हारी
इतना सुंदर चेहरा में
मुस्कान है प्यारी छोटा सा।
चांद का टुकड़ा…..

संगमरमर सा बदन
तुम्हारी
गुलाबी गाल रसीले अधर तुम्हारी
मदहोश नैना अति प्यारी
चांद का टुकड़ा……

नख से सीख तक
आभूषण समेटे
सर्वगुण संपन्न
श्वेत परिधान लपेटे
लाखो है चहेते
पर कला में पारंगत
ग्रेजुएट को चपेटे।
चांद का टुकड़ा….

नयना की पुतली
फोटोग्राफर तुम्हारी
खींचे फोटो हमारी
अति प्यारी
अप्सरा सा महक तुम्हारी
सराबोर तन बदन हमारी
मेरे मन में लड्डू फूटे
तेरे संग कभी न छूटे।
🤩🤩🤩🤩🤩🤩
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
छत्तीसगढ़।

Language: Hindi
167 Views

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